रविवार, नवंबर 09, 2008

ब्रेक के बाद.... फ़िर हाजिर हैं !

हाँ..... वह ब्रेक कुछ ज्यादा ही लंबा हो गया।
दरअसल कोई अच्छा काम करना, कोई आसान काम नहीं होता।
हो सकता है आप इससे सहमत नहीं हों, लेकिन मेरे निजी अनुभव.....
खैर! इसे फ़िर शुरू करते हुए खुशी हो रही है।
हाय - हेल्लो के बाद इस बार भी बस हाजिरी लगा दें, अगली बात बिना किसी भूमिका के होगी ।
बस एक ब्रेक के बाद, छोटा सा ब्रेक।
शेष शुभ!
इति "शुभदा"