शनिवार, अप्रैल 24, 2010

ज्वैलरी बना के चमके 'तारे'

'शुभदा' में प्रशिक्षित मानसिक विमंदित युवाओं ने कर दिखाया


70 दिन में सीखी ज्वैलरी बनाने की कला और पाई इसके व्यवसाय की जानकारी

मानसिक विमंदितों के लिए 'शुभदा' द्वारा चलाए गए ज्वैलरी मैकिंग के एक प्रशिक्षण शिविर में 10 मानसिक विमंदित युवाओं ने 15 अपै्रल को अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया। इसी के साथ इस बात पर फिर मोहर लग गई कि अगर मानसिक विमंदितों को उचित तरीके से प्रशिक्षण दिया जाए तो वे वास्तव में अपनी आजीविका कमाने में सक्षम हो सकते हैं।

इस प्रशिक्षण आयोजन के समन्वयक अपूर्व ने बताया कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 16 जनवरी 10 को शुरू किया गया था। इसके लिए प्रशिक्षकों और फिजीओथैरेपिस्टों द्वारा विमंदित युवाओं के लिए विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया गया। क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती मंजू सुराणा की मौजूदगी में आरम्भ हुए इस प्रशिक्षण में प्रथम चरण के लिए 10 युवाओं को चुना गया था। इसमें मेल-फीमेल दोनों को शामिल किया गया था। शुरू में यह कार्य काफी कठिन प्रतीत हो रहा था, लेकिन असंभव नहीं।

आखिर में प्रशिक्षकों और प्रशिक्षु युवाओं ने इसे संभव कर दिखाया। प्रशिक्षण के समापन अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ज्वैलरी व्यवसायियों, जन प्रतिनिधियों और विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच प्रशिक्षु युवाओं ने आगंतुकों के समक्ष तरह तरह की ज्वैलरी का निर्माण करके दिखाया। इसके बाद युवाओं को हाथों-हाथ उनके उत्पादों के लिए आर्डर भी मिले। इन युवाओं के लिए बैंक में खाते खुलवा कर व्यवसाय को व्यस्थित किए जाने के प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा हुई। प्रमुख समाजसेवी श्रीमती किरण शारदा ने इन युवाओं के लिए स्वयं सहायता समूह गठित किए जाने की जरूरत पर जोर दिया। क्षेत्रीय पार्षद श्रीमती मंजू सुराणा के अनुसार ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की मानसिक विमंदित युवाओं के पुनर्वास के लिए महत्ती आवश्यकता है।

इस प्रशिक्षण से रूबरू हुए पूर्व विधायक नरेन साहनी, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पी।आर।पंडत, अजमेर के प्रतिष्ठित शेयर व्यवसायी कपिल कर्नावट, महिन्द्रा के प्रतिनिधि भगवत प्रसाद राठी, कला अंकुर संस्था की अध्यक्षा श्रीमती स्नेहलता शर्मा और सचिव श्रीमती माधवी स्टीफन सहित अनेक गणमान्य लोगों ने मानसिक विमंदित युवाओं के इस प्रयास को सराहा। इन लोगों ने प्रशिक्षुओं को आजीविका योग्य संबल प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।

प्रमुख प्रशिक्षक श्रीमती सुप्रभा कविराज ने प्रशिक्षण की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया और आगामी बैच के लिए की गई तैयारियों की जानकारी दी। विशेष प्रशिक्षक श्रीमती सरोज और फिजीयोथैरेपिस्ट डा। प्रदीप शर्मा ने बताया कि विमंदित युवाओं के लिए तैयार किया गया यह पाठ्यक्रम सफल रहा है। इसमें समय-समय पर प्रशिक्षुओं की जरूरतों के मुताबिक और सुधार किए जाने के द्वार खुले हैं।

'मूमल' का सपोर्ट

कला और शिल्प जगत में प्रतिष्ठित 'मूमल' संस्थान ने विमंदितों की आजीविका और पुनर्वास के लिए 'शुभदा' की ओर से किए जा रहे प्रयासों में सक्रीय भागीदारी का करार किया है। इसके तहत मूमल की ओर से आजीविका कौशल विकसित करने के विभिन्न कार्यक्रमों में तकनीकि सहयोग प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के विषय विशेषज्ञ फैकेल्टी के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे। यह सभी प्रशिक्षक राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय पुरस्कार प्राप्त शिल्पी होंगे