I am "SHUBHDA". Working with Mental Disabals. So working for Wellfare of Persons With Autism, Cerebral Palsy, Mental Retardation and Maltiple Disabilities at Rajasthan, sins 2005.
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कुछ तो फर्क पड़ेगा... एक
लड़की सुबह समुद्र की सैर को निकली। उसने देखा सैंकड़ों मछलियां लहरों के
साथ तट पर आ जाती हैं और उनमें से अनेक किनारे पर ही छूट जाती हैं, कुछ देर
बाद बिना पानी के धूप में मर जाती हैं।
जब लहरें ताजी और मछलियां जीवित
थी, तभी उसने कुछ तय किया। उसने एक मछली उठाई और पानी में फेंक दी। उसके
पीछे एक आदमी और था, वह बोला- यह तुम क्या कर रही हो? तुम कितनों को बचा
सकोगी? इससे क्या फर्क पड़ेगा?
उस लड़की ने कोई जवाब नहीं दिया। दो कदम
बढ़कर एक और मछली को उठाकर पानी में डाल दिया और बोली- 'इससे एक को तो फर्क
पड़ता है।
सब लोग थोड़ा-थोड़ा फर्क लाएं तो बहुत बड़ा फर्क पड़ेगा।
this criaeshion is by some parfect minds. I'm with yor.
जवाब देंहटाएंSHUBDHA.. Good blog for a good cause.. keep it up!!!!!!!!
जवाब देंहटाएंits... "SHUBHDA" ... I apologize for my typing mistake.. :)
जवाब देंहटाएंshubdaa ji...........kyaa kahun....bas...ab to meraa bhi dimaag kaam nahin kartaa....
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