मानसिक विमंदिता का एक प्रमुख कारण गर्भावस्था के दौरान उपयोग किए गए नमक में आयोडीन की कमी होना होता है बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आयोडीन युक्त नमक का सेवन दिखाने के बावजूद हमारे देश में करोड़ों लोगों में आयोडीन की कमी है। देश में करीब सात करोड़ दस लाख लोग आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों से पीड़ित हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की ओर से लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी जा चुकी है। जानकारी में बताया गया कि देश में कोई भी राज्य आयोडीन की कमी से होने वाले विकारों से मुक्त नहीं है। इससे निपटने के लिए सरकार आयोडीन युक्त नमक के सेवन को बढ़ावा देने के लिए अभियान चलाए हुए है। सरकारी बयान के अनुसार 2008-09 में देश में आयोडीन युक्त नमक का उत्पादन लक्ष्य 52 लाख टन रखा गया है।
हमारे देश को आजादी हुए साठ वर्ष हो चुके हैं। इसके बावजूद पूरे देश में 70 लाख से अधिक बच्चे आयोडीन की कमी से पैदा होने वाली बीमारी से ग्रस्त हैं। देश के अधिकांश इलाके में यह समस्या देखी जा सकती है। सरकार ने आयोडीनयुक्त नमक के इस्तेमाल को जरूरी कर दिया है लेकिन देश के दूरदराज वाले कई इलाकों में साधारण नमक का अभी भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है।
अपने अनुभवों को बांटते हुए "शुभदा" यह बताना चाहेगी कि हाल ही में उत्तर प्रदेश के पड़होना गांव जाने का मौका मिला। इस दौरान पता चला कि एक ही परिवार के 17 बच्चे आयोडीन की कमी के शिकार हैं।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
Parantu jaroorat se jyada Iodine bhi swasthaya ke liye bahut hanikarak hai. Vaisey kuch parvatiya kshetron ko chodakar baki jagah Iodine ki kami nahin hoti hai.
जवाब देंहटाएं