रविवार, फ़रवरी 01, 2009

एक दाना बदल सकता है आपकी जिंदगी

सुश्री सारदा लहांगीर की ओर से यह सुखद जानकारी मिली की उड़ीसा के कोरापुट जिले के एक छोटे से गांव पदमपुर में आदिवासी महिलाएं एक सराहनीय कार्य कर रही हैं। दरअसल यह अशिक्षित महिलाएं अपने आसपास के गांवों में जाकर आयोडीन नमक बेच रही हैं। भले ही यह आदिवासी महिलाएं अशिक्षित हैं, लेकिन स्वास्थ्य के प्रति इनकी जागरूकता देखने लायक है।
आयोडीन नमक को लेकर इन महिलाओं के द्वारा उठाए जा रहे इनके कदम सचमुच काबिले तारीफ हैं।काफी दिनों तक इस इलाके के लोगों लिए आयोडीन नमक कोई महत्व नहीं रखता था, लेकिन जब आयोडीन के महत्व को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, तब जाकर इन आदिवासी महिलाओं को आयोडीन के महत्व का पता चला। गांव की स्वयं सहायता समूह की एक बैठक में इन महिलाओं को जानकारी दी। इनको बताया गया कि माताओं के लिए आयोडीन नमक कितना आवश्यक है।गांव की 50 वर्षीया आदिवासी महिला पार्वती नायक का बेटा मानसिक रूप से विमंदित है। उसे इस बैठक के बाद पता चला कि आयोडीन नमक कितना आवश्यक है। इसके बाद से नायक ने इस नमक के बारे में घर-घर जाकर जानकारी दी। वह बताती है कि आयोडीन नमक का एक दाना आपकी जिंदगी बदल सकता है।उसने आगे बताया कि अगर उसे यह पहले पता होता, तो आज उसका बेटा मानसिक रूप से अस्वस्थ नहीं होता। पार्वती एक अभियान के तौर पर यह काम कर रही है। गांव की स्वयं सहायता समूह की यह आदिवासी महिलाएं अब घर-घर जाकर लोगों को आयोडीन नमक उपलब्ध करा रही हैं।

1 टिप्पणी: