प्रकृति ने महिलाओं को कुछ इस तरह बनाया है कि वे प्रायः खून की कमी से जूझती हैं, खासकर वे महिलाएँ, जो माँ बनने के दौर में हैं। इससे महिलाओं की काम करने की क्षमता घट जाती है और वे जल्दी थक जाती हैं। रक्तक्षीणता रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी प्रभावित करती है। इस कारण वे रोगों से भी शीघ्र संक्रमित हो जाती हैं। एक जननी का स्वस्थ होना जरूरी है, क्योंकि उस पर एक नए जीवन को धरती पर लाने का जिम्मा है। रक्त प्रवाह हमारे शरीर की वह जीवनधारा है, जो सभी जरूरी पोषक पदार्थ लिए पूरे शरीर में चलती रहती है। यदि कोई स्त्री पहले ही आयरन की कमी झेल रही है तो उसका एनिमिया और अधिक हो जाएगा।
एनिमिया के बारे में थोड़ी जानकारी ले लेना आवश्यक है। हमारे रक्त की लाल रक्त कणिकाओं में एक प्रोटीन होता है, जिसे हिमोग्लोबीन कहते हैं। हिमोग्लोबीन ऑक्सीजन का सप्लायर है, जो फेफड़ों से ऑक्सीजन उठाता है और सारे शरीर में पहुँचाता है। हिमोग्लोबीन बनाने के लिए आयरन चाहिए। यदि आपके शरीर में आयरन कम है तो हिमोग्लोबीन भी कम होगा। यही स्थिति एनिमिया कहलाती है। यदि महिला गर्भवती हो तो इम्यून सिस्टम कमजोर होने की वजह से जच्चा-बच्चा दोनों के लिए खतरा पैदा हो सकता है। साल भर में एक औरत अपने कुल रक्त का 22 प्रतिशत खो देती है। ऐसे में जो औरतें अपनी खुराक में खून बनाने वाले पौष्टिक तत्वों को शामिल नहीं करतीं, उन्हें एनिमिया होने का अधिक खतरा रहता है। गौरतलब है कि भारत में पहले ही 80 प्रतिशत महिलाएँ एनिमिया की शिकार हैं। यह जनस्वास्थ्य संबंधी समस्या है, जो हर वर्ग में फैली है।
एक आम भारतीय शाकाहारी खुराक खून बनाने के लिए पर्याप्त पोषक पदार्थ नहीं दे पाती। कुछ पदार्थ होते हैं, जो आयरन को शरीर में अवशोषित होने से रोकते हैं- जैसे फाइटेट, जो कि साबुत गेहूँ के आटे व अन्य अनाजों में पाया जाता है या फिर कैफीन जो कॉफी, चाय, कोला में पाई जाती है। ये चीजें आयरन पर जम कर उसको शरीर में अवशोषित नहीं होने देतीं। जिन स्त्रियों में आयरन तथा अन्य पुष्टिकारी की कमी होती है, वे एनिमिया की शिकार बनती हैं। यह रक्त की असामान्य स्थिति है, जिसमें खून में लाल रक्त कणिकाओं की संख्या बहुत घट जाती है। आयरन प्राप्त करने का सबसे बढ़िया माध्यम वे खाद्य पदार्थ हैं, जिनमें न केवल खूब आयरन होता है, बल्कि जो आयरन को शरीर में अवशोषित होने में भी सहायता करते हैं। शरीर ज्यादा से ज्यादा आयरन को अवशोषित कर पाए, इसके लिए आपको ऐसी खुराक लेना होगी, जिसमेंविटामिन सी और और बी-12 पर्याप्त मात्रा में मौजूद हों। साथ में आयरनयुक्त खुराक लें। इसके लिए आपको संतुलित भोजन के अलावा ऐसे खाद्य या पेय पदार्थ लेने होंगे, जिसमें रक्त का निर्माण करने वाले सूक्ष्मरूप से पौष्टिक तत्वों के साथ हो। हों। ऐसी चीजों को आपपूरक आहार के तौर पर लें तभी आपको रक्त निर्माण करने वाली पौष्टिकता मिल पायेगी ।
एनीमिया के लक्षण
* चेहरा पीला पड़ जाना। * थकान महसूस होना। * व्यायाम के वक्त असामान्य तरीके से साँस की अवधि घट जाना। * दिल का तेजी से धड़कना। * हाथ-पाँव ठंडे हो जाना। * नाखूनों का नाजुक हो जाना। * सिरदर्द। * अक्सर एनिमिया के कोई लक्षण प्रकट नहीं भी होते।
अच्छी जानकारी.
जवाब देंहटाएंAcha lekh..jankari ke liye thanks...
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी.
जवाब देंहटाएंसमयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : वेलेंटाइन, पिंक चडडी, खतरनाक एनीमिया, गीत, गजल, व्यंग्य ,लंगोटान्दोलन आदि का भरपूर समावेश
अच्छी जानकारी!
जवाब देंहटाएंkuch adhik jankariya de
हटाएं