विशेष प्रकार का उच्चस्तरीय प्रदूषण झेलने वाली महिलाएं लड़के को जन्म नहीं दे सकतीं। सान फ्रांसिस्को में गर्भवती महिलाओं पर किए गए एक शोध से यह बात निकलकर सामने आई है। विज्ञान समाचार पत्र 'साइंसडेली' में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक जो महिलाएं 'पॉलीक्लोरिनेटेड बाईफिनाइल्स' (पीसीबी) का उच्चस्तरीय प्रदूषण झेलती हैं, उनमें लड़कों को जन्म देने की क्षमता काफी कम हो जाती है।
गौरतलब है कि पीसीबी पर 1950 और 1960 के दशक में प्रतिबंध लगा दिया गया था। पीसीबी कारखानों में बिजली उपकरणों कूलिंग (शीतलक) के तौर पर उपयोग में लाए जाते हैं। इनका उपयोग वॉरनिश और चाक बनाने में भी होता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीसीबी बच्चों में लिंग अनुपात को प्रभावित करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक जो महिलाएं पीसीबी का उच्चस्तरीय प्रदूषण झेलती हैं, उनमें लड़कों को जन्म देने की क्षमता 33 फीसदी कम हो जाती है।
लेकिन, पुत्र का मतलब सब कुछ अच्छा-अच्छा ही नहीं होता, बेटे को जन्म देने के बाद माताएं अपेक्षाकृत अधिक तनाव में रहने लगती हैं। अधिक विवरण के लिए कल इसी ब्लाग पर, ठीक इसी समय फिर मिलेंगे, अभी इजाजत दें। शेष शुभ....-इति आपकी 'शुभदा'
इस बात का अधिक प्रचार करना चाहिए। हो सके तो पी सी बी ही नहीं कहिए हर प्रकार के प्रदूषण से। फिर देखिए हमारा पुत्र पूजक समाज कितना जागरुक हो जाएगा। शायद प्रदूषण कम हो जाएगा।
जवाब देंहटाएंघुघूती बासूती
nayi khabar sunai aapne..isi bahane koi apne ghar ko pradushan mukt rakh paye to badi baat hai
जवाब देंहटाएंमूल सूचना का लिंक नहीं मिला। यदि स्रोत पढ़ लेते तो पुष्टि भी हो जाती।
जवाब देंहटाएंEncouraging words to the environment savers. Thanx Shubhda
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